छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के प्रमुख स्रोत
CREDA - CHHATTISGARH RENEWABLE ENERGY DEVOLOPMENT AGENCY
गठन - 2001
मुख्यालय - रायपुर
क्षेत्रीय कार्यालय - सरगुजा ,बस्तर , बिलासपुर ,रायपुर ,राजनांदगांव
कार्य - नवीनीकृत ऊर्जा का बेहतर उपयोग हेतु।
विशेष - रायपुर और बिलासपुर में ऊर्जा पार्क स्थापित किया गया है।
सौर ऊर्जा का तत्पर्य होता है की सूर्य किरणों से प्राप्त ताप को विद्युत ऊर्जा और ताप ऊर्जा में बदलना। जिससे इसका उपयोग हम खाना बनाने और विद्युत ऊर्जा के रूप में कर सके। सौर माध्यम से सीधे विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है।
छत्तीसगढ़ में ऊर्जा निति 2012 - 2017 निम्न है।
1. स्वच्छ ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना।
2. सौर ऊर्जा से सम्बंधित नयी परियोजनाओ को प्रोत्साहित करना
3. राज्य में विकेन्द्रीकृत उत्पादन और वितरण को बढ़ावा देना।
4. राज्य में सौर विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देना है।
5. स्वच्छ ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना।
किसानो के लिए योजना :-
सौर सुजला योजना :- ये योजना किसानो को रियायती दरों पर सौर पम्प दिया जाता है जिससे सिचाई व्यवस्थ को बढ़ावा दिया गया है। जिसका संचालन 2016 से छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकाश एजेंसी (CREDA ) द्वारा संचालित है। इस योजना के तहत किसानो को 3HP और 5HP का पम्प रियायती दरों पर दिया जाता है। 3HP पम्प की कीमत 4 . 5 लाख है जिसको 7000 - 18000 हजार में किसानो को दिया जाता है। एवं 5 HP के पम्प जिसकी कीमत 5 लाख है जिसको रियायती दरों में 10000 से 20000 तक दिया जाता है। इस योजना के अन्तर्गत दो में 51000 किसानो को 31 मार्च 2019 तक सौर पम्प वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषक जीवन ज्योति योजना :-
इसकी सुरवात 2009 में हुई है इसमें कृषको को विद्युत ऊर्जा सहायता प्रदान किया जाता है। ३ hp के पम्प में ६०००ुनित एवं 5hp के पम्प में 7500 यूनिट विद्युत फ्री दिया जाता है।
भू-तापीय सयंत्र :-
स्थान - तातापानी
विशेष - यहाँ प्र देश की पहली भू तापीय ऊर्जा है ये बलरामपुर के तातापानी में गर्म जल होने के कारन यहाँ पर भू -तापीय सयंत्र की स्थापना की जा रही है। ये अमेरिका के geo. thermax co. के द्वारा भू- गर्भिक ताप सयंत्र की स्थापना की जा रही है।
पवन ऊर्जा :-
पवन ऊर्जा के लिए वायु की गति कम से कम 8 -23 मिटर प्रति सेकेण्ड होना चाहिए। राज्य में वायु की गति औसतन 9. 4 मी. / से. है। और राज्य में सबसे पहले पवन ऊर्जा की स्थापना बालोद जिला में किया गया था जो की 1991 में किया गया था। जोकि शासकीय महाविधालय बालोद किया गया था।
बायोमास सयंत्र :-
कचरे और पौधे से ऊर्जा उत्पन करना बायोमास कहलाता है इसमें औधोगिक अपशिस्ट, कृषि अपशिस्ट से विद्युत उत्पन किया जाना ही बायोमास कहलाता है। कचरे पर आधारित ऊर्जा बिलासपुर और दुर्ग जिला में तथा धमतरी जिला में धान की भूसी से ऊर्जा उत्पन्न करने का सयंत्र स्थापित किया गया है जिसकी स्थापना 2014 -15 में कियागया है कवर्धा में शक्कर फैक्ट्री में गन्ने की खोई से विद्युत उत्पन्न करने का सयंत्र लगा हुआ है।
CBDA:-
C- CHHATTISGARH
B- BIOFUEL
D- DEVLOPMANT
A - AGENCIES
HINDI -(छत्तीसगढ़ बायो डीजल विकास अधिकरण )
स्थापना - 26 जनवरी 2005
उद्देश्य - डिजल का विकल्प
वृक्ष - रतनजोत , करंज
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गठन - 2001
मुख्यालय - रायपुर
क्षेत्रीय कार्यालय - सरगुजा ,बस्तर , बिलासपुर ,रायपुर ,राजनांदगांव
कार्य - नवीनीकृत ऊर्जा का बेहतर उपयोग हेतु।
विशेष - रायपुर और बिलासपुर में ऊर्जा पार्क स्थापित किया गया है।
सौर ऊर्जा का तत्पर्य होता है की सूर्य किरणों से प्राप्त ताप को विद्युत ऊर्जा और ताप ऊर्जा में बदलना। जिससे इसका उपयोग हम खाना बनाने और विद्युत ऊर्जा के रूप में कर सके। सौर माध्यम से सीधे विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है।
- क्रेडा के द्वारा मुंगेली जिला के अचानकमार अभ्यारण के 17 आदिवासी गाँव को सौर ऊर्जा से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। जिसमे बम्हनी प्रथम गांव है।
- भोपालपटनम एवं उसूर विकासखंड के ग्रामों को फोटो वोल्टिक प्रणाली द्वारा विद्युतीकृत किया गया है।
- राजभवन , विधानसभा , मुख्यमंत्री निवास , जशपुर दूरदर्शन केंद्र सौर ऊर्जा से संचालित है।
छत्तीसगढ़ में ऊर्जा निति 2012 - 2017 निम्न है।
1. स्वच्छ ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना।
2. सौर ऊर्जा से सम्बंधित नयी परियोजनाओ को प्रोत्साहित करना
3. राज्य में विकेन्द्रीकृत उत्पादन और वितरण को बढ़ावा देना।
4. राज्य में सौर विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देना है।
5. स्वच्छ ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना।
किसानो के लिए योजना :-
सौर सुजला योजना :- ये योजना किसानो को रियायती दरों पर सौर पम्प दिया जाता है जिससे सिचाई व्यवस्थ को बढ़ावा दिया गया है। जिसका संचालन 2016 से छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकाश एजेंसी (CREDA ) द्वारा संचालित है। इस योजना के तहत किसानो को 3HP और 5HP का पम्प रियायती दरों पर दिया जाता है। 3HP पम्प की कीमत 4 . 5 लाख है जिसको 7000 - 18000 हजार में किसानो को दिया जाता है। एवं 5 HP के पम्प जिसकी कीमत 5 लाख है जिसको रियायती दरों में 10000 से 20000 तक दिया जाता है। इस योजना के अन्तर्गत दो में 51000 किसानो को 31 मार्च 2019 तक सौर पम्प वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषक जीवन ज्योति योजना :-
इसकी सुरवात 2009 में हुई है इसमें कृषको को विद्युत ऊर्जा सहायता प्रदान किया जाता है। ३ hp के पम्प में ६०००ुनित एवं 5hp के पम्प में 7500 यूनिट विद्युत फ्री दिया जाता है।
भू-तापीय सयंत्र :-
स्थान - तातापानी
विशेष - यहाँ प्र देश की पहली भू तापीय ऊर्जा है ये बलरामपुर के तातापानी में गर्म जल होने के कारन यहाँ पर भू -तापीय सयंत्र की स्थापना की जा रही है। ये अमेरिका के geo. thermax co. के द्वारा भू- गर्भिक ताप सयंत्र की स्थापना की जा रही है।
पवन ऊर्जा :-
पवन ऊर्जा के लिए वायु की गति कम से कम 8 -23 मिटर प्रति सेकेण्ड होना चाहिए। राज्य में वायु की गति औसतन 9. 4 मी. / से. है। और राज्य में सबसे पहले पवन ऊर्जा की स्थापना बालोद जिला में किया गया था जो की 1991 में किया गया था। जोकि शासकीय महाविधालय बालोद किया गया था।
बायोमास सयंत्र :-
कचरे और पौधे से ऊर्जा उत्पन करना बायोमास कहलाता है इसमें औधोगिक अपशिस्ट, कृषि अपशिस्ट से विद्युत उत्पन किया जाना ही बायोमास कहलाता है। कचरे पर आधारित ऊर्जा बिलासपुर और दुर्ग जिला में तथा धमतरी जिला में धान की भूसी से ऊर्जा उत्पन्न करने का सयंत्र स्थापित किया गया है जिसकी स्थापना 2014 -15 में कियागया है कवर्धा में शक्कर फैक्ट्री में गन्ने की खोई से विद्युत उत्पन्न करने का सयंत्र लगा हुआ है।
CBDA:-
C- CHHATTISGARH
B- BIOFUEL
D- DEVLOPMANT
A - AGENCIES
HINDI -(छत्तीसगढ़ बायो डीजल विकास अधिकरण )
स्थापना - 26 जनवरी 2005
उद्देश्य - डिजल का विकल्प
वृक्ष - रतनजोत , करंज
- छत्तीसगढ़ देश का पहला जीरो पावर काट राज्य 2008 में बना
- बिजली की खपत में देश में छत्तीसगढ़ का स्थान 3 है। इसमें पहला - गोवा दूसरा - गुजरात तीसरा - छत्तीसगढ़ है।
- ऊर्जा राजधानी के नाम से कोरबा को जाना जाता है।
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- CHHATTISGARH KE JAL VIDUT PARIYOJNA /छत्तीसगढ़ के जल विद्युत परियोजना
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- chhattisgarh ka khanij/छत्तीसगढ़ का खनिज
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