छत्तीसगढ़ के पकवान एवं छत्तीसगढ़ के प्रमुख पारम्परिक व्यंजन

छत्तीसगढ़ भारत का ऐसा राज्य है जहाँ आपको हर मौसम में एक त्यौहार और हर त्यौहार में छत्तीसगढ़ी व्यंजन पकवान  का अपना महत्त्व रखता है।  साथियों आज हम आपको छत्तीसगढ़ की विभिन्न व्यंजन के बारे में जानकारी देने जा रहे है।  
छत्तीसगढ़ के प्रमुख एवं पारम्परिक व्यंजन

छत्तीसगढ़ का व्यंजन अपने आप में स्वास्थ्य वर्धक स्वादिष्ट और अपने आप में अनूठी होती है। इसकी पारम्परिकता की महक लाजवाब होती है।  

छत्तीसगढ़ मध्यभारत में अपने खानपान और रहनसहन के लिए एक अलग महत्त्व रखता है। जिस तरह अन्य राज्यों का है।  यहाँ की खान-पान  वनोपज से लेकर तले भुने सभी प्रकार की व्यंजन बनाया जाता है। 

साथियों हर राज्य की अपना पारम्परिक पकवान उस राज्य प्रमुख त्योहारों  विशेष स्थान रखता है।  साथ ही हर राज्य का अपना विशेष व्यंजन होता है जो उन्हें अन्य राज्यों से अलग बनती है।  

आज हम इस पोस्ट में अपने छत्तीसगढ़ की पारम्परिक पकवान और व्यंजन के बारे में जानेगे।

1 ठेठरी 


छत्तीसगढ़  राज्य में ज्यादातर लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते है और ग्रामीण क्षेत्रों का सबसे प्रचलित पकवान ठेठरी को माना जाता है। यह छत्तीसगढ़ की बहुत प्रसिद्द  पकवान है।  

बेसन से बनाया वाला पकवान है जिसे बेसन को आंटे की तरह गूथ कर बनाया जाता है इसमें नमक ,अजवाइन ,डाला जाता है , गुथने के बाद उसे छोटे-छोटे लोई लेकर छोटे रस्सी के सामान   गोल-गोल बना लेते है। 

 फिर  उसे बिच से आधा मोड़ कर जिस प्रकार रस्सी को मोड़ने पर गोल आकृति मिलती है उसी प्रकार गोल मोड़ लिया जाताहै और फिर उसे   तेल में फ्राई कर निकाल लिया जाता है। 

2 गुलगुल भजिया -



छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल में गुलगुल भजिया बहुत ही लोक प्रिय व्यंजन है। 

गुलगुल भजिया को गेंहू आंटे से बनाया जाता है।  सबसे पहले आपको  इसे  बनाने के लिए गेंहू आंटे और शक्कर की चासनी या गुड़ की चासनी की आवश्यकता होती है। 
गेंहू आंटा लेकर उसमे शक्कर की चासनी या गुड़ की चासनी इतने मात्रा में डाले की हल्का पिलपिला साने जिस तरह पकोड़े के लिए आटा गुथा जाता है।  फिर  उसे पकोड़े की तरह छान कर निकल लिया जाता है।  इस तरह गुलगुल भजिया तैयार हो जाता है।
  

3 करी -

करी छत्तीसगढ़ की एक विशेष पकवान है जिसे दुःख और सुख दोनों कामों में उपयोग में लाया जाता है।  करी बेसन का बनाये जाने वाला पकवान है जिसे हम बेसन का मोटा सेव भी कह सकते है ।  इसे लड्डू का  रूप देने के लिए गुड़ का सीरा  (गुड़ को एक कड़ाही या बर्तन में लेकर उसे आग में गरम किया जाता है।) को सेव में मिला कर लड्डू तैयार किया जाता है।  

   4 सोहारी - 

सोहारी जिसे हम पूरी भी कहते है।  छत्तीसगढ़ में ये दो प्रकार के बनाये जाते है। एक मीठा होता है और दूसरा नमकीन  जिसे (नुनहा) कहते है , सोहारी  गेंहू आटा से बनाया   जाता है। सोहारी प्रमुख पकवान है जिसे छत्तीसगढ़ में  सभी त्योहारों में शुभ अवसर पर बने जाता है।  

 5 चीला - 

चीला छत्तीसगढ़ की पारम्परिक व्यजन  है जिसे हरघर में बनाया जाता है।  इसे चावल आटे से बनाया जाता है।   चीला बनाने की विधि  चांवल आटे को पानी की निश्चित मात्रा मिलाकर घोल लिया जाता है।  फिर तेल में ताल लिया जाता है।  चीला नमकीन और मीठा दोनों तरह के बनाये जाते है। 

6  अईरसा:-

अईरसा छत्तीसगढ़ की स्वादिष्ट पकवान मन जाता है। इसे चांवल आटे को भिगोकर फिर सुखाकर पिसाई की  जाती है फिर उसमे गुड़ की चासनी डाला जाता है। इसके पश्चात तेल में तल लिया जाता है। 

7 पपची :-

पपची छत्तीसगढ़  का ऐसा पकवान है जो बालूशाही के सामान होता है।  या यूँ कहें की वह बालूशाही को भी मात दे दे, छत्तीसगढ़ के इस पकवान को गेंहू आटे के साथ चांवल आटा मिला कर तैयार किया जाता है फिर शक्कर की  चाशनी में डुबाया जाता है।  

8 बरा :-(बड़ा) -

छत्तीसगढ़  का विशेष पकवान जिसका पितृ पक्ष में विशेष मान्यता होती है।  इस व्यंजन को उरद दाल से तैयार किया जाता है। 

9 चौसेला :- 
चौसेला छत्तीसगढ़ की पारम्परिक व्यंजन में से एक है जिसे  चांवल आटे से तैयार किया जाट है। नमकीन बनायीं जाती है जिसे  सबसे पहले चांवल आटे को गर्मपानी में थोड़ा -थोड़ा पानी डाल कर गुथा जाता है फिर छोटी -छोटी  लोई काट कर  तैयार किया जाता है। 

10  तसमई - 
दूध  और चावल से तैयार किया जाने वाला  व्यंजन है।  इसे हम खीर भी कह सकते है।  दुःख -सुख में विशेष स्थान होता है। 

11 खुरमी -
खुरमी छत्तीसगढ़ की मीठा व्यंजन है जिसे गेंहू और चावल आते के मिश्रण से तैयार किया जाता है।  इसके साथ इसमें गुड़ चिरौंजी ,नारियल ,इस का स्वाद  बढ़ा देता है।  छत्तीसगढ़ के गावों में इसका विशेष मांग होती है। 

12 फरा -
चावल आटे से तैयार किये जाने वाला व्यंजन है इसे दो प्रकार के बनाया जाता है मीठा जिसमे मीठे के लिए गुड़ या  शक्कर का प्रयोग किया जाता है।  दूसरा जिसे भाप में पकाया जाता है और इसके स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें छौंका  लगाया जाता है इसका स्वाद सबसे ज्यादा टमाटर की चटनी साथ होती है।  

13 देहरौरी - 
देहरौरी छत्तीसगढ़ के पकवानों में अपना अलग पहचान रखता है।  देहरौरी को दरदरे चांवल आटे से  जाता है ,और फिर चासनी में डुबाया जाता है।  हम इसे देशी रसगुल्ला भी कह सकते है। 

14 मुठिया -

मुठिया चावल आटे को गूथ  कर के तैयार किया जाता है।  इस भाप में पकाया जाता है फिर उसमे मिर्च और तिल का छौंका लगाया जाता है 

15 अंगाकर -

अंगाकर छत्तीसगढ़ की सु प्रसिद्द रोटी है जिसे चांवल आटे से तैयार किया जाता है पहले चांवल आटे को गूथ कर उसे बड़ा गोला अकार देते है फिर उसके ऊपर और निचे दोनों तरफ पलास के पत्ते से ढक कर अंगार में पकाया जाता है।  

16 हथ फोडवा -
 ये चीला का ही रूप है जिसे चावल आटे को घोल कर  बिना तेल के तवा में पकाया जाता है।  उसे हथ फोडवा कहते है। 

आशा है साथियों जानकारी अच्छा लगा होगा यदि आप छत्तीसगढ़ की अन्य जानकारी चाहते है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। 

छत्तीसगढ़ की जानकारी यहाँ भी देखें - 

Post a Comment

Previous Post Next Post