*** लौह अयस्क (iron ore) ***
- छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क भंडार की दृस्टि से देश में 3 स्थान है।
- लौह अयस्क का निर्माण धारवाड़ शैल से होता है।
- यहाँ लौह अयस्क संचित भंडार 2731 मिलियन टन है।
- देश के कुल भंडार का 18. 67% है।
- उत्पादन की दृस्टि से देश में स्थान 2 (दूसरा ) है।
- भण्डारण में स्थान 5 है।
- लौह अयस्क का प्रकार -हेमेटाइट है।
- सर्वाधिक लौह खनन दल्ली राजहरा में होता है।
- विश्व की सर्वश्रेष्ठ किस्म का लौह अयस्क दल्ली राजहरा से प्राप्त होता है। छत्तीसगढ़ के लोहा का निर्यात जापान में किया जाता है।
प्रमुख उत्पादन क्षेत्र :-
1. बैलाडीला लौह अयस्क क्षेत्र :-
दंडकारण्य प्रदेश का प्रमुख खनिज लौह अयस्क है। यहाँ धारवाड़ शैल क्रम के चाटटाने में लौह अयस्क की प्रयाप्त भंडार उपलब्ध है। यहाँ हेमेटाइट किस्म की लौह अयस्क पायी जाती है। यहाँ तीन रूपों में विशाल विक्षेप मिलते है -
अ) दंतेवाड़ा में बैलाडीला की पहाड़ी
ब ) नारायणपुर तहसील में रावघाट की पहाड़ी में
स ) नारायणपुर भानुप्रतापपुर तहसील के चारगांव ,कोंडापारावा , हाहालद्दी की पहाड़ी में
- मुख्य लौह अयस्क क्षेत्र बैलाडीला की पहाड़ी है। जो
- 36 किमी लम्बा तथा 10 किमी चौड़ा है
- इस क्षेत्र में लौह अयस्क के 12 निक्षेप है तथा इसके निकट दक्षिण - पूर्व में मलेंगार नदी की घाटी में 2 निक्षेप है।
- इस क्षेत्र में लौह अयस्क का संचित भंडार 1343. 5 मिलियन टन है सबसे बड़ी निक्षेप क्र. 5 है।
- यहकि लौह अयस्क की शुद्धता की मात्रा 60 - 70 % है
- खनन प्रारम्भ 1962 के बाद जापान के यंत्रों की सहायता से बड़े पैमाने पर किया गया
- यह कार्य ""बैलाडीला लौह परयोजना "" के नाम से प्रारम्भ हुआ।
- 1980 से बचेली निक्षेप क्र. 5 का उत्खनन कार्य प्रारंभ हुआ।
- यहाँ की लौह अयस्क विशाखापटनम होते हुए जापान निर्यात किया जाता है।
2. रावघाट लौह अयस्क क्षेत्र :-
cg me louh ayask kshetr
- ये नारायणपुर जिला में स्थित है।
- अबूझमाण्ड की पहाड़ी की पूर्वी दिशा में रावघाट की पहाड़ी स्थित है।
- इस क्षेत्र में 6 निक्षेप है।
- यहा कि संचित भंडार 732 मिलियन टन है।
- लोहा की शुद्धता 60 -68 % है।
3. चारगांव कोंडापारवा :-
- चारगांव क्षेत्र में संचित भण्डार 22 मिलियन टन
- कोंडापारवा,कुरसुबोरी में संचित भण्डार 49 मिलियन टन
- हाहालद्दी में संचित भण्डार 72 मिल्यन टन है
- भानुप्रतापपुर के आरीडोंगरी में उतखनन होता है जिसका संचित भंडार 26 मिलियन टन है।
- मेटाबोदली निक्षेप में 16 मिलियन टन लेटेराइट के रूप में पाए जाते है।
4. दल्ली राजहरा लौह अयस्क क्षेत्र :-
- दुनिया की सबसे श्रेष्ठ लौह अयस्क का उत्पादन होता है।
- ये क्षेत्र बालोद जिले के अंतर्गत आता है।
- इसका विस्तार लगभग 32 वर्ग किमी पर फैला हुआ है।
- इस क्षेत्र की लौह अयस्क की शुद्धता 68 % होती है।
- लौह अयस्क के यहाँ 5 जमाव मिलते है। -
- रजहरा यांत्रिक खान
- राजहरा पश्चिम
- दल्ली पहाड़
- महामाया
- यहाँ संचित भंडार के 164 मिलियन टन है।
- यहाँ के लौह अयस्क का उपयोग भिलाई स्टील प्लांट केलिए किया जाता है।
नोट :- अन्य स्थान जाहा लौह अयस्क मिलताहै -
1 नारायणपुर के छोटेडोंगर में निक्षेप है।
2. गरियाबंद में वृन्दानवागढ़ और देवरी केआसपास मिलता है
3. कवर्धा में पंडरिया क्षेत्र में।
4. रायगढ़ जिले में पहाड़ी क्षेत्र पर कही कही पर 5. राजनांदगांव में छूईखादान मोहला ,बोरिया टिब्बू में लौह अयस्क मिलते है।
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