गोदावरी अपवाह तंत्र
यह छत्तीसगढ़ की दूसरी बड़ी अपवाह तंत्र है। जो की गोदावरी अपवाह तंत्र कहलाती है। जिसके अंतर्गत राज्य के दक्षिण क्षेत्र में इसका बहाव है। चुकी राज्य के दक्षिण क्षेत्र का ढाल दक्षिण की और है जिसके कारन अधिकांश नदी दक्षिण में गोदावरी नदी से जा कर मिलती है। इस लिए इसे गोदावरी अपवाह तंत्र कहते है। इसमें राज्य के लगभग 28 % जलसंग्रहण क्षेत्र आता है। इसके अंतर्गत निम्न प्रमुख नदिया आती है।
गोदावरी नदी :-
उदगम - त्रयम्बक पहाड़ी नासिक महाराष्ट्र
प्रवाह - महराष्ट्र , तेलंगाना
समापन - बंगाल की खाड़ी
सहायक नदी - इंद्रावती , शबरी , कोटरी
विशेष - 24 किमी छत्तीसगढ़ की सीमा बीजापुर जिला में बहती है।
इंद्रावती :-
उद्गम - मुंगेर की पहाड़ी कलाहांड़ी उड़ीसा
प्रवाह - बस्तर दंतेवाड़ा , बीजापुर
सहायक नदी - कोटरी , नारंगी , डंकनी , शंखनी ,
लम्बाई - 264 किमी
किनारे बसे शहर - जगदलपुर
परियोजना - बोधघाट परियोजना बारसूर
संगम - गोदावरि नदी में भोपालपटनम भद्रकाली नामक स्थान पर
विशेष -
- इंद्रावती की सबसे बड़ी सहायक नदी कोटरी नदी है।
- इंद्रावती बस्तर की जीवन रेखा कहलाती है।
- प्राचीन कल में इसे मंदाकनी कहा जाता था।
- दक्षिण छत्तीसगढ़ की सबसे लम्बी नदी है।
- नारायणपुर बीजापुर के बिच सिमा बनाती है।
1. कोटरी नदी :-
उद्गम -मोहला तहसील राजनांदगांव
प्रवाह - यह मुख्यतः राजनांदगांव , नारायणपुर ,
कुल लम्बाई -135 किमी
अन्य नाम - परालकोट
संगम - बीजापुर में इंद्रावती से
2.शबरी नदी :-
उद्गम -बैलाडीला पहाड़ी दंतेवाड़ा
प्रवाह - दंतेवाड़ा,सुकमा,
सहायक नदी -कांगेर नदी
संगम-गोदावरी नदी से तेलंगाना के कुनावरं स्थान पर
*सी जी मे एक मात्र यही नदी में जल परिवहन चलता है
*सी जी और उड़ीसा के बीच सिमा बनाती है
उद्गम -नादिराज पहाड़ी बैलाडीला दंतेवाड़ा
प्रवाह -दंतेवाड़ा
समापन-डंकनी नदी में दंतेवाड़ा में
डंकनी और शंखिनी नदी के संगम में दंतेश्वरी की मंदिर है।
4 . डंकनी :- उद्गम :- डागर डोंगरी
जिला :- दंतेवाड़ा
प्रवाह :- दंतेवाड़ा
संगम :- बारसूर में इंद्रावती से
नारंगी नदी :-
उद्गम - मकड़ी की पहाड़ी
जिला - कोंडागांव
तटीय नगर - कोंडागांव
संगम - बस्तर में इंद्रावती से
अन्य नाम - माकड़ी नदी
बाघ नदी :-
उद्गम - कुलहरी
जिला - राजनांदगांव
ये नदी सी. जी. और महाराष्ट्र की सिमा बनती है।
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