छत्तीसगढ़ के प्रतिक चिन्ह - Symbol of chhattisgarh cggk
छत्तीसगढ़ राज्य की मातृ राज्य मध्यप्रदेश है। इसका गठन 1 नवम्बर 2000 हुआ था। देश में सभी राज्यों का अपना एक पहचान चिन्ह निर्धारित किया गया। उसी प्रकार छत्तीसगढ़ के प्रतिक चिन्ह भी है जिसमे छत्तीसगढ़ चिन्ह के साथ साथ छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु ,छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी ,छत्तीसगढ़ के राजकीय पुष्प , छत्तीसगढ़ की राजकीय मिठाई ,छत्तीसगढ़ का प्रतिक वाक्य , छत्तीसगढ़ के राजकीय पेंढ।,और छत्तीसगढ़ के राजकीय खेल भी शामिल है।
छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिक चिन्ह STATE SYMBOL OF CHHATTISGARH -
1 छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतिक चिन्ह को 4 सितम्बर 2001 को स्वीकृति प्रदान किया गया था।
2 वृत्ताकार परिधि राज्य के विकास के निंरतरता का प्रतिक है।
3 36 किले एवं उसका हरा रंग राज्य के समृद्धि और वन सम्पदा एवं नैसर्गिक सुंदरता का प्रतिक है।
4 धान की बालियां - छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि प्रधानता को प्रदर्शित करता है। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है।
5 तीन लहराती रेखाएं - छत्तीसगढ़ के जलसंसाधन और नदियों का प्रतिक है।
6 सारनाथ के अशोक स्तम्भ के चार सिंह और उसके निचे लिखा सातमेव जयते -देश के प्रति सत्य और निष्ठा का प्रतिक है।
7 तिरंगे का तीन रंग -देश के प्रति एक जुटता का प्रतिक है।
8 पृष्ठ भूमि - राज्य की प्रतिक चिन्ह की पृष्ठ भूमि सफ़ेद रंग की है।
9 36 किले- राज्य के 36 किलों को हरा रंग से प्रदर्शित किया गया है
10 धान की बलिया - छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है प्रतिक चिन्ह में इनका रंग सुनहरा रंग प्रदर्शित है।
11 सारनाथ स्तम्भ - सारनाथ के अशोक स्तम्भ को लाल रंग से दर्शाया गया है।
12 ऊर्जा चिन्ह - विद्युत को नीला रंग में दर्शाया है।
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छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु state animal of chhattisgarh -
छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वन भैसा है। जिसका वैज्ञानिक नाम बुबालास बुबालिस आर्नी
Bubals Bubals Arnie छत्तीसगढ़ में संकट ग्रस्त वन्यजीवों में वनभैसा प्रमुख है इसे अभ्यारण्य और राष्ट्रिय उद्यान में संरक्षित किया गया है प्रमुख रूप से उद्यन्ति ,अभ्यारण्य ,पामेड़ अभ्यारण्य ,और इंद्रावती राष्ट्रिय उद्यान में संरक्षित किया गया है। 4 जुलाई 2001 को इसे राजकीय पशु के रूप में स्वीकृति दी गयी थी। वन भैसा की प्रजाति में सबसे शुद्ध होती है। मुख्यतः दंतेवाड़ा जिला में पाया जाता है।
छत्तीसगढ़ में इनकी प्रजाति संकट में है प्राप्त जानकरी अनुसार उद्यन्ति अभ्यारण्य में कुल एक मादा वनभैसा ही बची है। वनभैसा को संरक्षित करने का संभव प्रयास किया है इसके तहत वनविभाग एवं वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट इण्डिया द्वारा राष्ट्रिय दुग्ध सस्थान करनाल हरियाणा एवं सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मोल्यूक्यूलर बायोलॉजी हैदराबाद में क्लोमिंग तकनीक से वनभैसा का प्रयास किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी state bird of chhattisgarh-पहाड़ी मैना का वैज्ञानिक नाम
छत्तीसगढ़ की पहाड़ी मैना जिसका वैज्ञानिक नाम GRACULA RELIGIOSA है जिसे अंग्रेजी में ग्रेट पेनिन्सुलेरिस ये मुख्यतः बस्तर जिला में पाए जाते है। इसकी प्रजाति संकट ग्रस्त होने के कारण इसे कांगेर घाटी राष्ट्रिय उद्यान में गया है। ये इंसानी आवाज की नक़ल करता है कारण ये वर्तमान समय में संकट में है।
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छत्तीसगढ़ के राजकीय वृक्ष -साल (सरई) - SOREA ROBUSTA -
छत्तीसगढ़ की राजकीय वृक्ष साल (सरई) SOREA ROBUSTA वैज्ञानिक नाम है। छत्तीसगढ़ में इसकी उच्चतम प्रजाति बस्तर पाया जाता है। छत्तीसगढ़ के बस्तर को साल वनों का द्वीप कहा जाता है। बहुपयोगी साल वृक्ष की लकड़ी बहुत मजबूत होती है। छत्तीसगढ़ में पहले साल वन लगभग 2 हजार वर्ग किमी में स्थित जो की बढ़ते जनसँख्या एवं शहरी कारण चलते लगभग 9 सौ वर्ग किमी में बच पाई है।
छत्तीसगढ़ की राजकीय भाषा -
छत्तीसगढ़ की राजकीय भाषा छत्तीसगढ़ी है इसे राजकीय भाषा के रूप में 28 नवम्बर 2007 को दर्जा प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ी भाषा दो करोड़ की मातृ भाषा है।
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