Buddhist literature/बौद्ध साहित्य

                  Buddhist literature/बौद्ध साहित्य



                         
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प्राचीन भारत का इतिहास जानने के लिए बौद्ध साहित्य अत्यंत महत्वपूर्ण है इससे सम्बंधित प्रश्न हमेसा सभी प्रतियोगी एग्जाम में पूछे जाते है।  
बौध्द साहित्य - 

  1. त्रिपिटक   - तीन पिटारिया मुख्य                                                                                                                         विनय पिटक - इसमें भिक्षुओ के आचरण सम्बन्धी एवं संघ सम्बन्धी नियमो का उल्लेख है                  सत पिटक  - इसमें महात्मा बुद्ध के उपदेशो का संकलन है।                                                                         अभिधम्म पिटक  - इसमें बौद्ध धर्म की दार्शनिक सिद्धांत है।                                                  नोट- इसकी रचना पाली भाषा में कियागया है। 
  2. जातक कथाये -इसकी रचना ईसापूर्व प्रथम सताब्दी में हो चुकी थी इसकी पुस्टि साँची स्तूप से मिलता है।  इसमें महात्माबुद्ध की पूर्व जन्म  कहानिया है।  इसकी संख्या ५५७ है।   ये उस समय के समाज की आर्थिक राजनैतिक सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है।  
  3. अनुपिटक - दीपवंश ,महावंश ये दोनों श्रीलंका का इतिहास की महाकाव्य है जिसमे धार्मिक और सांस्कृतिक हने के कारण  इसका प्रभाव भारत में भी पड़ता है। 
  4. मिलिन्दपन्द्र - ये मिनांडर  और बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन के बिच की दार्शनिक वाद - विवाद है। 
  5. कथावस्तु - ये संस्कृत भाषा में लिखित है। इसमें महात्मा  बौद्ध  के जीवन चरित्र की वर्णन है। 
  6. ललित विस्तार - यह संस्कृत भाषा में है इसमें भारत की 64 लिपियों का वर्णन मिलता है।  
  7. अंगुत्तर निकाय - इस ग्रन्थ में हमें प्राचीन 16 जनपदों का वर्णन मिलता है। 
  8. बुद्ध चरित - इस पुस्तक की रचना महाकवि अश्वघोष द्वारा किया गया है जिसमे महात्मा बुद्ध की जीवान परधारित सभी पहलू का वर्णन है 
  9. दिव्यावदान - इसमें सम्राट अशोक के पुत्र कुणाल से सम्बंधित हैं।  इस तरह से मौर्य कालीन इतिहास की जानकारी मिलती है।  
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