छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिला की महत्वपूर्ण जानकारी हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से देने जा रहे है। इस पोस्ट को अंतिम तक जरूर पढ़ें।
विषय सूचि -
- जांजगीर चांपा जिला का इतिहास और नामकरण
- जांजगीर चांपा जिले की सीमाएं
- जांजगीर चांपा जिला के पर्यटन क्षेत्र
- जांजगीर चांपा जिला के विकासखंड
- विशेष
जांजगीर चांपा जिला की स्थापना छत्तीसगढ़ राज्य बनाने से पहले 25 मई 1998 को हुआ था। जांजगीर चांपा जिला बनाने से पहले ये जिला बिलासपुर जिला के अंतर्गत आता था। जांजगीर चांपा जिला छत्तीसगढ़ राज्य के मध्य भाग में स्थित होने के कारण इसे छत्तीसगढ़ राज्य का ह्रदय भी माना जाता है।
जांजगीर चांपा जिला का मुख्यालय जांजगीर है। इसका एक ऐतिहासिक महत्त्व भी है। छत्तीसगढ़ के कलचुरी शासक महाराजा जाज्वल्य देव की नगरी है। यहाँ स्थित विष्णु मंदिर इसकी सुनहरे अतीत की कहानी कहती है।
हसदेव निनीमाता परियोजना से इस जिले का तीन चौथाई कृषि क्षेत्र की सिचाई की जाती है। राज्य में धान के प्रमुख उत्पादक जिलों में से एक है। इस जिला की मुख्य नदी हसदेव नदी ,महानदी है।
2 जांजगीर चांपा जिले की सीमाएं -
छत्तीसगढ़ राज्य के इस जिले के सिमा को मुख्य रूप से 4 जिलों की सीमाऐं स्पर्श कराती है। ये भू आवेष्ठित (लैंड लॉक) जिला है। जिसमे उत्तर में कोरबा और बिलासपुर ,जिला , दक्षिण में बलौदा बाजार ,रायगढ़ ,पूर्व में रायगढ़ और पश्चिम में बिलासपुर जिला स्थित है।
यदि जिले की अक्षांशीय स्थिति देखें तो -
देशांतर - उत्तर की ओर से २१.६ डिग्री से २२.४ डिग्री
अक्षांश - पूर्व 82.3 डिग्री से 83.2 डिग्री
3 जांजगीर चांपा जिला के पर्यटन क्षेत्र -
1 .धर्मिक सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक पर्यटन स्थल -
शिवरीनारायण -
महानदी के तट पर स्थित इसके पौराणिक कथाओं के अनुसार रामायण काल में शबरी यहाँ निवास कराती थी। यहाँ हैह्य वंश के राजाओं ने 11 शताब्दी में लक्ष्मीनारायण मंदिर का निर्माण करवाया था।
महानदी के तट पर स्थित इसके पौराणिक कथाओं के अनुसार रामायण काल में शबरी यहाँ निवास कराती थी। यहाँ हैह्य वंश के राजाओं ने 11 शताब्दी में लक्ष्मीनारायण मंदिर का निर्माण करवाया था।
शिवरीनारायण मंदिर वैष्णव शैली में बना हुआ एवं कलाकृतियों से सुसज्जित मंदिर है। इसकी दुरी जिला मुख्यालय से 50 कि.मी दक्षिण की ओर है।
चन्द्रहासानी देवी मंदिर -
चंद्रहासिनी देवी का अद्भुत मंदिर महानदी के तट पर स्थित है। ये मंदिर चंद्रपुर में स्थित है जो की डभरा तहसील के अंतर्गत आता है इसकी दुरी जिला मुख्यालय से 22 किमी है। जांजगीर जिला में पर्यटन की दृस्टि से प्रसिद्द स्थान है। यहाँ छत्तीसगढ़ के अलाव उडिसा के भी लोग आते है।
घटादाई त्रिपुर सिंगार देवी मंदिर -
त्रिपुर सिंगार देवी का मंदिर जंगल और पहाड़ों के बिच घिरा हुआ है। जो इसकी सुंदरता बढाती है। ये ग्राम पहरिया तहसील जांजगीर जिला मुख्यालय से 25 कि.मी की दुरी में स्थित है।
लक्ष्मणेश्वर(महादेव) मंदिर -
मानाजाता है.रामायण काल में शबरी उद्धार और खर -दूषण जैसे असुरों के मोक्ष के बाद लक्ष्मण के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। जो की शिवरीनारायण के निकट खरौद नगर में स्थित है। इसे छत्तीसगढ़ की काशी भी कहा जाता है। ये नगर छत्तीसगढ़ के प्राचीन पांच ललित कलाओं में से एक है।
तुर्रीधाम (शवमंदिर) -
यहाँ महाशिवरात्रि के समय तीन दिवस के मेला का आयोजन किया जाता है। यहाँ शिव जी का मंदिर है। जो ग्राम तुर्री में स्थित है जो की शक्ति तहसील के अंतर्गत आता है इसकी दुरी शक्ति से 13 कि.मी. है।
जांजगीर का विष्णु मंदिर -
छत्तीसगढ़ के इस क्षेत्र में कल्चुरी शासकों ने राज किया इस मंदिर का निर्माण कल्चुरी नरेश जाज्वल्य देव प्रथम में 11 शताब्दी में बनवाया था। ये मंदिर भारतीय स्थापत्य कला के अनुपम उदहारण में से एक है। इस लिए कई दन्त कथाये प्रचलित है। ये मंदिर जांजगीर में भीमा तालाब के किनारे स्थित है।
ऐसा मानाजाता हैं की इस मंदिर का निर्माण दो भागों में अलग अलग किया जा रहा था जो की पूर्ण नहीं होने के कारण आज भी अलग अलग स्थित है।
ऐसा मानाजाता हैं की इस मंदिर का निर्माण दो भागों में अलग अलग किया जा रहा था जो की पूर्ण नहीं होने के कारण आज भी अलग अलग स्थित है।
इस मंदिर की कलाकृतियां आज भी लोगों को बर्बस अपनीओर आकर्षित करती है। इस मंदिर में देवी -देवताओं की गन्धर्व -किन्नर प्रतिमा पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है।
इसके आलावा और धार्मिक पर्यटन स्थल है
जैसे -अड़भार का मंदिर जिसमे 8 भुजाओं वाली देवी बिराजमान है।
मदनपुर का देवी मंदिर , पीथमपुर का शिव मंदिर और नहारिया बाबा का हनुमानमंदिर
जिला में प्राकृतिक पर्यटन स्थल -
दमाऊधारा -
यह स्थान पर्यटन के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहाँ गुफा से गिरता जल प्रपात और ऋषभदेव मंदिर रामजानकी मंदिर और सुंदर दृश्य है देखने के लिए। ये शक्ति तहसील से 20 कि.मी कोरबा के रस्ते में स्थित है।
देवरघटा -
ये तीन नदियाँ का संगम स्थल है यहाँ पर महानदी लीलागर और शिवनाथ नदी का संगम स्थल है। जो पर्यटन के लिए विकसित है। जो की पामगढ़ तहसील में स्थित है।
कोटमी सोनार -
कोटमी सोनार जिला मुख्याल से लगभग 35 कि.मी. की दुरी में अकलतरा तहसील में स्थित है यहाँ मगरमच्छ को उनके प्राकृतिक परिवेश में ही संरक्षण प्रदान किया गया है। यहाँ साइंस पार्क ,एनर्जी पार्क भी आकर्षण का केंद्र है।
जांजगीर चांपा जिला के विकासखंड -
जांजगीर चंपा जिला में कुल 9 विकसखण्ड है जो निम्न है - नवागढ़ ,अकलतरा ,बलौदा , चांपा ,सक्ति , जैजैपुर ,मालखरौदा ,डभरा पामगढ़
विशेष-
- छत्तीसगढ़ का सबसे गर्म स्थान चांपा है।
- जनगणना 2011 में जिला की कुल जनसँख्या -1619707 थी।
- यहाँ औसत वर्षा -115.7 mm होता है।
- कर्क रेखा इसी जिला से होकर गुजरती है।
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Nice 📸
ReplyDeletethanks
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