34 वर्ष बाद हुआ राष्ट्रिय शिक्षा निति में बदलाव -नई शिक्षा निति -2020 स्कूल शिक्षा और कॉलेज शिक्षा में क्या क्या बदलाव हुए

आज 29 जुलाई को भारत सरकार द्वारा 34 वर्ष बाद नई  शिक्षा निति को केबिनेट  पास कर दिया। इस शिक्षा निति के लिए दो समितियां बनायीं गयी थी। टी एस आर सुब्रमण्यम और डॉ के कस्तूरीरंगन समिति  थी। 

इस शिक्षा निति में GDP के 6 %को शिक्षा में लगाया जायेगा जो की वर्तमान में  4.43 % है।  चार साल के डिग्री प्रोग्राम के बाद दो वर्ष का MA  करके सीधे पीएचडी कर सकेंगे इसके लिए मफ़िल की जरुरत नहीं होगी। इस निति के तहत NRF (NATIONAL रिसर्च फॉउंडेशन ) ला रहा है जिसमें साइंस के साथ सोशल साइंस भी होगा ये बडे प्रोजेक्ट को फिनेंसिंग करेगा।  

 इस शिक्षा निति में बहुत से बदलाव किये गए है। पुरानी  शिक्षा निति  10 +2 केआधार पर चालता था उसके  जगह नयी शिक्षा निति  में 5 +3 +3 +4 लाया गया है। इस शिक्षा निति में यदि कोई छात्र किसी कोर्स को बिच में छोड़कर  कुछ दूसरा कोर्स करना चाहता है तो कर सकता है।  और एक निश्चित समय के बाद अपना छूटा हुआ कोर्स पूरा कर सकता है। 

इस नई शिक्षा निति 2020 में स्कूल कॉलेज में बदलाव आएगा पढ़ाई का तरीका में फर्क पड़ेगा बच्चा अपने हिसाब से विषयों का चयन कर सकेगा इस पूर्व के निति में विषय निर्धारित होती थी।  जैसे कॉमर्स ,साइंस ,मैथ्स ,विशेष विषय हुआ करते थे जिसे हम अध्ययन करते थे अब नयी निति के में ऐसा नहीं है।  



नई  शिक्षा निति में स्ट्रीम सिस्टम को किया ख़त्म   

पहले जानते है क्या होता है स्टीम सीस्टम इसमें यदि कोई छात्र साइंस ,या कला लेना चाहता है तो वह सिर्फ उन्ही विषयों को अध्ययन कर सकता था  जो कला में है या साइंस में है दूसरा विषय नहीं पढ़ सकता था।  

 परन्तु नयी शिक्षा निति में ऐसा नहीं है। यदि कोई यदि कोई छात्र साइंस के साथ कला के विषय में रूचि रखता है तो वो कला के भी कुछ विषय पढ़ सकता है। यदि कोई छात्र सइंस के साथ संगीत में रूचि रखता है तो वह संगीत भी अध्ययन कर सकता  है।  इस नईशिक्षा निति में ख़ास पूल के अनुसार बच्चे अपना विषय चुन सकेंगे।  

स्कूली शिक्षा में बदलाव - 

प्री प्राइमरी को मिलकर इस शिक्षा निति में चार स्टेज का करिकुलम  5+3+3+4तैयार किया गया  है।  
स्कूली शिक्षा में  महत्वपूर्ण बदलाव किया गया  है।  जिसमे कक्षा 5 वी तक बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाया जायेगा। इसमें  प्री प्राइमरी के 3  वर्ष भी जोड़ा गया है।  इसमें  बच्चों का फॉउंडेशन तैयार करना होगा। जिसमे 6 -9 तक के बच्चे बुनियादी शिक्षा और न्यूमेरिक की ज्ञान पा सके। 
 
नयी शिक्षा निति में  नया कॅरिकुलम 5+ 3+3+4 लागु होगा। जो की बच्चे के तीन वर्ष से प्रारम्भ होगा। प्री प्राइमरी 
के3 वर्ष के साथ बच्चा कक्षा 1 और 2 की शिक्षा बुनियादी शिक्षा के रूप में ग्रहण करेगा। इस तरह वह 5 वर्ष  फॉउंडेशन स्टेज पार कर लेगा।  
 
पहले 3  में छात्र कक्षा 3 से 5 तक की शिक्षा  ग्रहण करेगा जिसमे बच्चे को गणित विज्ञान सामाजिक विज्ञान की शिक्षा प्रदान की जाएगी।   

दूसरा 3 कक्षा 6 से 8 तक बच्चों को डिकोडिंग सिखाया जायेगा ,साथ ही छात्र को इसी कक्षा से इंटर्न  का मौका मिलेगा ,यदि छात्र किसी विशेष काम में रूचि रखता है और उसका प्रेक्टिकल ज्ञान प्राप्त करना चाहता है कर सकता है जैसे - मोबाइल हार्डवेयर का काम सीखना चाहता है तो वह पढाई के दौरान सिख सकता है।  

अंतिम 4 ये चार स्कूली शिक्षा के अंतिम चार वर्ष कक्षा 9 वीं से कक्षा 12 वीं तक होगा यहाँ पर भी बहुत बदलाव किये गये है।  एग्जाम सेमेस्टर वाइज होगा साथ ही बोर्ड परीक्षा में कुछ विशेष बदलाव किया जायेंगे। 



कॉलेज शिक्षा में बदलाव -


नई शिक्षा निति 2020 में कॉलेज शिक्षा को लेकर बहुत से बदलाव किये है। यदि आप के 12  वी के मार्क्स अच्छे नहीं आये है। और सीधे चयन नहीं हो पा रहे है तो उसके लिए आप एक एग्जाम COMMON APTITUDE TEST (CAT)  के माध्यम से प्रवेश पा सकेंगे  कॉलेज की पढाई 3 और 4 वर्षों में बांटा गया गया है। 

 इस शिक्षा निति में कॉलेज  स्टूडेंट के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव ये हुआ है की मल्टी एंट्री - मल्टी एग्जिट  
मल्टी एंट्री का मतलब यदि छात्र कोई कोर्स को अधूरा छोड़ दिया है और उसे पूरा करना चाहता है तो वो एक निश्चित समय में फिर से उसी कोर्स के उसी ईयर में एडमिशन ले सकता है। यदि आप किसी  भी बैचलर कोर्स के फर्स्ट ईयर पूर्ण कर छोड़ देते है।और बाद में फिर से करना चाहते हैतो आपको फर्स्ट ईयर करने की जरुरत नहीं होगी आप सीधे प्रीवियस में एडमिशन ले सकेंगे। 

मल्टी एग्जिट - यदि छात्र किसी कारण वश अपनी पढाई पूरी नहीं कर पाते है या बिच में कोई और दूसरा कोर्स करना चाहता है तो वह अपने इस कोर्स को एक निश्चित समय के लिए रोक कर दूसरा कोर्स कर सकता है  और फिर वह एक निश्चित समय बाद अपना पाठ्यक्रम पूरा कर सकता है। 
 
बेचलर डिग्री - 
प्रथम वर्ष पास होने पर आपको सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा  
द्वितीय वर्ष पास करने पर डिप्लोमा प्रदान किया जायेगा 
तृतीय वर्ष पास होने पर आपको डिग्री प्रदान किया जायेगा \
4 था वर्ष पास करने पर आपको रिसर्च के साथ डिग्री प्रदान की जाएगी।  
4 वर्ष का बेचलर डिग्री लेने के बाद दो वर्ष MA  करके सीधे पीएचडी कर सकते है इसके लिए एम फील करने की आवश्यकता नहीं होगी।  

नई  शिक्षा निति में 10+2 को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया गया है ,इसके जगह पर 5+3+3+4 लाया गया है। 
मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर अब शिक्षा मंत्रालय रखा गया है।  
 

जानकारी यहाँ भी पढ़ें -


 

4 Comments

  1. सभी कक्षाओं के लिए डिजिटल बोर्ड की व्यवस्था की जानी चाहिए।

    ReplyDelete
  2. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
    Replies
    1. यह सुनिश्चित किया जाए कि ,'सभी शिक्षक चालीस मिनट आनलाईन क्लास ले।

      Delete
Previous Post Next Post