chhattisgarh me prapt prachin mudrayen /छत्तीसगढ़ में प्राप्त प्राचीन मुद्राएं

 


छत्तीसगढ़ के प्राचीन इतिहास यहाँ प्राप्त मुद्राओं से भी पता लगाया जा सकता है।  यहाँ पर विभिन्न शासनकाल  में प्रचलित मुद्राएं प्राप्त हुए है। जो की छत्तीसगढ़ के प्राचीन इतिहास को बताता है।   

1 आहत मुद्राएं - 

छत्तीसगढ़ में आहत मुद्राएं मल्हार आरंग ,रामगढ ,अकलतरा ,ठठारी ,तारापुर ,राजपुर ,से प्राप्त हुए है ये मुद्राएं तांबे और चांदी के बने हुए है। इन मुद्राओं में वेदिका ,वृक्ष ,पर्वत, सरोवर ,और गज चित्र प्राप्त होते है। 

२.सातवाहन कालीन मुद्राएं - 

छत्तीसगढ़ में बालपुर रायगढ़ ,मल्हार, बिलासपुर से प्राप्त हुई है ,बिलासपुर संग्रहालय में एक मुद्रा अपिलक राजा रखा गया  है।  रायगढ़ जिले के बालपुर नमक गाँव में सातवाहन शासक अपिलक का एक चौकोर तांबे का सिक्का प्राप्त हुआ है। 

3 रोमन मुद्राएं -

छत्तीसगढ़ में रोमन मुद्राएं बिलासपुर जिले के चक्रबेड़ा ग्राम से  प्राप्त हुआ है। इन मुद्राओं  के अग्रभाग में राजा के आवक्ष भाग दृष्टव्य है।  दुर्ग जिला के कुलिया गाँव में स्वर्ण  रोमन  मुद्रा प्राप्त हुआ है जिसमें रोमन राजा के वंश का अंकन है। 

4 कुषाण मुद्राएं-

छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में कुषाण कालीन मुद्राएं प्राप्त हुए है। जिनमें विंकेडफिसिस ,कनिष्क ,हुनिष्क ,अदि की ताम्र मुद्राएं प्राप्त हुए है जिनके अग्र भाग में राजा की आकृति एवं पृष्ट भाग में नंदी के साथ शिव अंकन है। इन मुद्राओं  का काल प्रथम सदी संभावित है। 

5 शरभपुरीय मुद्राएं - 

गुप्त काल के समकालीन शरभपुरीय और नलवंश के शासकों की स्वर्ण मुद्राएं केवल छत्तीसगढ़ से प्राप्त हुआ है।  प्रशन्नमात्र महेन्द्रादित्य ,विक्रमादित्य प्रमुख थे। 

 6 चीनी मुद्राएं - 

छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी मुख्याल सिरपुर से 8 वी सदी की चीनी ताम्र मुद्राएं प्राप्त हुए है , तांबे के सिक्को में चौकोर वर्गाकार छिद्र है सीके के चारो और चीनी लिपि में राजा का नाम अंकित है। 

7 नलवंशी मुद्राएं - 

छत्तीसगढ़ में गुप्त के समकालीन नलवंश के स्वर्ण मुद्राएं प्राप्त हुए है। इसमें भवदत्त,अर्थपति ,स्तंभ ,एवं नंदराज प्रमुख है  .इस सिक्कि के आगे भाग में नदी की आकृति और राजा के नाम अंकित है।  

8 कलचुरी मुद्राएं - 
छत्तीसगढ़ में रतनपुर कलचुरियों का राजधानी है जहाँ से स्वर्ण ,रजत ,ताम्र मुद्राएं प्राप्त हुए है ,जिनमे शासक गंागदेव, पृथ्वीदेव ,जाजल्यदेव ,रत्नदेव प्रमुख है।  इनके सिक्के के अग्रभाग में नाम काउल्लेख है और पश्य भाग में  देवी का अंकन है। 

9 सल्तनत कालीन मुद्राएं - 
प्राप्त मुद्रा में अग्रभाग में बादशाह का नाम और पृष्ठ भाग में कलमा लिखा है। 

10 पदम टंका 

11 मुग़ल कालीन मुद्राएं -
छत्तीसगढ़ में मुगलकालीन स्वर्ण रजत एवं ताम्र मुद्राएं प्राप्त हुआ है।  जिसमे अकबर , जंहागीर ,शाहजंहा ,औरंगजेब, शाह आलम  के सिक्के प्रमुख है।  
मुग़ल कालीन मुद्राओं के अग्रभाग में बादशाह का नाम और पश्य भाग में कुरान के आयत लिखा  है। 

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 ब्रिटिश कालीन मुद्राएं - 

ब्रिटिश कालीन -मुद्राओ में विक्टोरिया ,एडवर्ड ,तथा विलियम राजाओं के अप्राप्त हुए है।  

I ,कुलिया ग्राम  जिला दुर्ग - 
कुलीया दुर्ग में कुल 30 स्वर्ण मुद्राये न प्राप्त हुए है जिसमे 25 सिक्के महेन्द्रादित्य केहै नलवंशी राजा के भवदत्त के दो अर्थपति के 1  १  सिक्का नंदराज इस तरह कुल 30 सिक्के प्राप्त हुए है। 

II बांवराद - 
दिसम्बर १९७२ में प्राप्त बंरदा जिला दुर्ग में मुद्रानिधि में 9 गुप्तकालीन स्वर्ण मुद्रा मुद्रानिधि 9 स्वर्ण मुद्रा जो गुप्त कालीन इसमें से एक सिक्का कांच का औरएक सिक्का कुमारगुप्त का बांकी शेष 7 विक्रमादित्य के है।   

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