chhattisgarh ka khanij/छत्तीसगढ़ का खनिज

                            **   छत्तीसगढ़ का खनिज  **

चुना पत्थर (lime stone ):- 

  • चुना पत्थर कडप्पा चट्टान से मिलता है। 
  • कुल संचित भंडार 9038 मिलियन टन होता है। 
  • राज्य के कुल भण्डारण की प्रतिशत  5. 15 %  है। 
  • उत्पादन की दृस्टि से देशमें छत्तीसगढ़ का स्थान  7 वा  है। 
  • उत्पादन मे कुल  प्रतिशत 9 % है 
  • इसका उपयोग सीमेंट ,उर्वरक ,रसायन केलिए किया जाता है। 
   उत्पादन क्षेत्र :- 
   जिला    -  उत्पादन क्षेत्र 
  रायपुर      -   मांढर ,तिल्दा , बैकुंठ 
   दुर्ग          -    नंदनी ,खूंदनी ,जमुल,
  बलौदाबाजार - भाटापारा , झिपन, करही 
 जांजगीर चंपा - अकलतरा ,असारमेटा 
 बिलासपुर -     चिल्हाटी ,मस्तूरी
 रायगढ़ -         खरसिया , सारंगढ़  
बस्तर -          मांझीडोंगरी , देवरपाल 
टिप :- मुंगेली जिला में चुना पत्थर का निक्षेप लोरमी पत्थर के  गोबरीपाठ में है। 
          अकलतरा के आसपास उत्तरपूर्व घटोरा के पूर्व में मोहतरा और कोसमडीह में निक्षेप मिलते है। 
           बेलपान विजयपुर के पास चुना पत्थर का निक्षेप मिलता है। 
CHHATTISGARH KA KHANIJ

           
संचित भंडार जिलावार 
क्रमांक   जिला                   संचित भंडार लाख टन  
1     रायपुर   1926
2 .      दुर्ग       5260
    3 .       बलौदाबाजार                                 -   
4.   जांजगीर चंपा 750
5  .  बिलासपुर  7000
6 .  रायगढ़  1346
7 बस्तर - 3100

डोलोमाइट  (DOLOMITE) :-
WWW.CGGK.IN
 छत्तीसगढ़ का खनिज 

  • कडप्पा शैल समूह में पायाजाता है। 
  • चुना  के चट्टान में मैग्नीशियम की मात्रा 45 % अधिक हो जाती  है  तब वह डोलोमाइट कहलाता है। 
  • प्रदेश में कुल सचित भंडार 847  मिलियन टन है। 
  • देश के कुल संचित भंडार का 11. 24 % है। 
  • डोलोमाइट उत्पादन में पहला स्थान है 
  • भण्डारण में चौथा स्थान  है। 
  • बिलासपुर के  डोलोमाइट का उपयोग bsp  भिलाई इस्पात सयंत्र मे किया  जाता है। 
उत्पादक जिला :-
 बिलासपुर , बलौदाबाजार ,रायगढ़ ,बेमेतरा ,बस्तर ,जांजगीर चंपा ,दंतेवाड़ा 
1. बिलासपुर:- 
 यहाँ की डोलोमाइट उच्च कोटी  का  है जो की निम्न है। 
 A) बैतालपुर और बेलपान 
B) देवतरा  और करगी ,विजयपुर
C ) छतौना हिर्री , मनियारी नदी के किनारे से हिर्री तक स्थित है।
2.  जांजगीर चंपा :- अकलतरा  , छीतापहाडिया , बाराद्वार ,शक्ति ,मदनपुर में डभरा  
3.  बलौदाबाजार  :- धाकडीह , भाटापारा , पटपर ,
4. बेमेतरा:-   मोहभाटा, कोदवा और ताला 

5. बस्तर -दंतेवाड़ा :- कोलाब नदी के किनारे - तिरिया ,मचकोट ,कुम्हाली , कुमली , टाइपोडरे ,सदरबेरा 

6.  रायगढ़  :- भरडीह , कटंगपाली 

अभ्रक (mica ):-  

  • चट्टान - आग्नेय तथा परिवर्तित चट्टान से 
  • उपयोग - विधुत सामग्रियों में इन्सुलेशन के रूप में वायु यानो में ऊंच शक्ति वाले मोटर के  रूप में। 
  • निक्षेप - दंतेवाड़ा , बस्तर , जशपुर , बिलासपुर ,रायपुर ,
  • दन्तेवाड़ा में जगदलपुर - सुकमा मार्ग में दरभा घाटी के सड़क के किनारे किनारे निक्षेप मिलता  है। गोलापल्ली   पहाड़ी जीरम ,बोडणार ,जुगानी ,तथा मुरना नदी के किनारे किनारे मिलता है। 
  • जशपुर तहसील के रंगोला जगमारा ,डुमरघाट ,क्योंनघन पानी , बोरतली , तेराताली ,झारंगाव तथा बुरनीजारटोला   में अभ्रक मिलता है।
  • कोरबा के रतनखण्डी में मिलता है। 
  • सूरजपुर के  पेंट्री में  तथा सूरजपुर के कालिकापुर में अभ्रक मिलता है।   

हीरा (daimond ):-

  • हीरा  की प्राप्ति  किम्बरलाइट चट्टानों से होती है। 
  • अपररूप - कार्बन 
  • उपयोग - आभूषण ,कांच को काटने में  
  • प्रदेश में अनुमानित भंडार 13 लाख कैरेट है। 
  • प्राप्ति क्षेत्र - गरियाबंद -  मैनपुर , पायलीखंड , बेहराडीह , कोदोमाली , जांगड़ा ,कुसुमपुरा ,देवभोग  . 
  • बस्तर - तोकापाल 
  • प्रदेश में हीरा खनिज का विकास का अधिकार राज्य खनिज विकाश निगम को दिया गया है।
मैगनीज (MAGANESE):-
  • यह धारवाड़ चट्टानों में प्राकृतिक आक्साइड के रूप में मिलता है। 
  • ये बिलासपुर और बस्तर जिलों में पाया जाता है। 
  • इसका प्रयोग बैटरी निर्माण ,फोटोग्राफी में लवंडों  के रूप में ,चमड़ा तथा माचिस उधोग में ,वस्त्र उधोग में , कांच को रंगने में पटरी पेण्ट में और रंगीन ईंट  बनाने में  होता है। 
  • जांजगीर चंपा  जिले -मुलमुला , सेमरा , कोलिहाटोला , बिलासपुर  रतनपुर क्षेत्र -करियामुण्डा ,कोरी , और , गोरखाना में निक्षेप पाए जाते है। इस क्षेत्र के मैगनीज की मात्रा  13 से 41 % मिलता है।   
  • बस्तर क्षेत्र - कुछ निक्षेप पाए जाते है। 
  • गरियाबंद - छुरा , पारसोली  में निक्षेप मिलते है। 
सोना (GOLD):-
  • सबसे तन्य धातु है। 
  • मापने का पैमाना - कैरेट 
  • शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है। 
प्राप्ति क्षेत्र -
  • सोनदेही - कांकेर 
  • जशपुर - तपकरा , कांसाबेल , ईबनदी 
  • सोनाखान, बाघमारा राजादेवरी    - बलौदाबाजार 
  • आमेर नदी - दुर्ग 
  • शबरी नदी - दंतेवाड़ा 
विशेष - बाघमारा (बलौदाबाजार ) भारत का ऐसा प्रथम क्षेत्र है जिसे निजी क्षेत्र की वेदांता ग्रुप को नीलामी प्रक्रिया क्र तहत उत्पादन का अधिकार है। 
कोरण्डम (KORANDAM ):- 
  • राज्य में कोरण्डम का अनुमानित भण्डार 48 टन  है। 
  • ये हिरा के बाद दूसरा कठोर खनिज है। 
  • इसमें 52. 9 % एल्युमिनियम होता है।  
  • क्षेत्र  बीजापुर - भोपालपटनम से 2किमी की दुरी पर कुचनूर में है। 
  • सुकमा जिले में - सोनाकुकानार एवं नगारास। 
अलेक्जेंड्राइट
  • ये प्राकृतिक हिरा होता है। 
  • इसे गरीबो का हिरा  भी कहा जाता है। 
  •  ये पूरी दुनिया में रूस के आलावा छत्तीसगढ़ में प्राप्त होता है। 
  • ये छत्तीसगढ़  में गरियाबंद जिले के देवभोग तहसील के सेंदमुडा   में पायाजाता है। 
 क्वार्ट्ज  
इसका उपयोग सजावटी  लिए किया जाता है जैसे की सजावटी पत्थर , चीनीमिट्टी , काँच ,कपड़ा एवं कागज उधोग में चमक  लाने में किया जाता है। 
सुकमा जिला के जीरम क्षेत्र और गुजिया डोंगरी में ,दंतेवाड़ा जिला मे नागफनी और तुमनार में ,
राजनांदगाव के अमलीडीह , झुलादेवरि ,वीरतालाब और  पनियाजोब है। 

ये भी जरूर पढ़ें :-



3 Comments

  1. आपके खनिज संबंधित डेटा का सोर्स क्या है अलग अलग जगह अलग अलग डेटा मिलता है कोई वास्तविक सोर्स बताइये जिससे आयोग अगर आंसर गलत ले ले तो दावा आपत्ति में काम आ सके।

    ReplyDelete
Previous Post Next Post