छत्तीसगढ़ की सिंचाई एवं परियोजनाएं/
chhattisgarh ki sinchaai avm pariyojnaye
सिंचाई :-
छत्तीसगढ़ में लोगों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। धान राज्य की प्रमुख फसल है। जिसे अधिक सिचाई की आवश्यकता होती है।
छत्तीसगढ़ में सिंचाई की सुविधा बहुत सिमित है। राज्य में नदियों के द्वारा बनाये गए अपवाह तंत्र द्वारा कई परियोजनाओं का निर्माण किया गया है। जिसे संबधित क्षेत्र में निरंतर जल आपूर्ति की जाती है। इन परियोजनाओ को जल प्रदान करने के आधार पार वृहद , लघु , और मध्यम परियोजनाओं में बांटा गया है।
1 वृहद परियोजना (बड़ी परियोजना ) - 10000 हेक्टेयर से अधिक सिंचित क्षेत्र वाली परियोजना।
2 . मध्यम परियोजना - 2000 से 10000 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र वाली परियोजना
3 . लघु परियोजना - 2000 हेक्टेयर से कम सिंचित वाली परियोजना
छत्तीसगढ़ में मार्च 2013 तक 8 वृहद 33 मध्यम श्रेणी की एवं 2390 लघु परियोजनाएं पूरी हो व् चूँकि हे। तथा 3 वृहद, 6 मध्यम , 430 लघु सिंचाई परियोजना निर्माणाधीन है ,
pradesh me sinchit kshetr |
प्रदेश की प्रमुख परियोजनाएं :-
1 . रुद्री पिक -अप वियर धमतरी
स्थापना - 1915
नदी - महानदी
छत्तीसगढ़ की प्रथम निर्मित परियोजना है।
2. मुरुमसिल्ली (मॉडम सिल्ली )जलाशय :-
स्थापना - 1923
नदी - सिलयारी
निर्माणकर्ता - एल्फिस्टन द्वितीय
यह ब्रिटिश द्वारा आधुनिक तकनीक पर आधारित राज्य का पहला सायफन बांध है।
3. दुधवा जलाशय ,कांकेर
स्थापना - 1962
नदी - महानदी
* स्वतंत्रता पश्चात् निर्मित राज्य का पहली बांध है।
4. रविशंकर जलाशय धमतरी :-
स्थापना - 1978
स्थानीय नाम - गंगरेल बांध
नदी - महानदी
जलापूर्ति - भिलाई स्टील प्लांट
*यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और लम्बा बांध है।
महानदी काम्प्लेक्स :-
सिकासार परियोजना :-
स्थापना - 1995
नदी - पैरी नदी
सोंढुर परियोजना :-
स्थापना - 1989
नदी - सोढ़ुर
5. मिनीमाता हसदेव बांगो बांध परियोजना :-
स्थापना - 1961 -62
नदी - हसदेव
जलापूर्ति - बाल्को ,कोरबा ,NTPC को
* ये छत्तीसगढ़ की प्रथम बहुदेशीय परियोजना है।
*यह प्रदेश की सबसे ऊंचा बांध है। (87 मीटर )
*ये कोरबा के मचाडोली नामक स्थान पर 120 मेगावाट जल विधुत परियोजना संचालित है।
* ये राज्य की सबसे बड़ी जल विधुत परियोजना है।
6. तांदुला परियोजना :- बालोद
स्थापना -1910 -20
नदी - तांदुला
प्रदेश की प्रथम नदी परियोजना है।
तांदुला काम्प्लेक्स :- बालोद
1. खरखरा जलाशय - खरखरा नदी पर बालोद
* पूर्णतः मिटटी से निर्मित जलाशय है।
2. गोंदली जलाशय - जुहार नदी पर
7. राजीवगांधी परियोजना (खुड़िया ) मुंगेली :-
स्थापना - 1924 -30
नदी - मनियारी नदी
8. संजयगांधी परियोजना (खूंटाघाट ) बिलासपुर :-
स्थापना - 1920 -30
नदी - खारंग
9. वीरनारायण सिंह परियोजना - महासमुंद
नदी - कोडार नदी
स्थापना - 1976 -95
10. दिलीप सिंह जूदेव परियोजना - रायगढ़
स्थानीय नाम - केलो परियोजना
स्थापना - 2014
नदी - केलो नदी
11. बोधघाट परियोजना - बारसूर (दंतेवाड़ा )
नदी - इंद्रावती
ये प्रदेश की प्रस्तावित बहुदेशीय परियोजना है।
12. अरपा सिचाई परियोजना
नदी - अरपा नदी पर
13. घोंघा जलाशाय- बिलासपुर
नदी - घोंघा नदी
छत्तीसगढ़ में सिंचाई का विवरण :-
इसे 4 भागो में विभक्त कर सकते है ,
1. अधिक सिंचित क्षेत्र (40 %)
2. मध्यम सिंचित क्षेत्र (30 -40 %)
3. निम्न सिंचित क्षेत्र (10 -30 %)
4. अतिनिम्न सिंचित क्षेत्र (10 %)
1. अधिक सिंचित क्षेत्र - इसमें प्रदेश के 6 जिलों में 40 % से अधिक सिचाई की जाती है इसके अंतर्गत जांजगीर चांपा , रायपुर ,धमतरी ,दुर्ग , बलौदाबाजार , और बालोद आते है।
इसमें जांजगीर -चांपा ,रायपुर , धमतरी में 70 % से अधिक है। तथा दुर्ग जिले में 58 % बालोद जिले और बलोदाबाजार जिले का सिंचित प्रतिशत 41 है।
2. मध्यम सिंचित क्षेत्र :- इसके अंतर्गत 6 जिले आते है।
1. बेमेतरा -37 %
2. महासमुंद 36 %
3 बिलासपुर तथा गरियाबंद में 35 -35 %
4. कवर्धा (कबीरधाम ) 34 %
5. मुंगेली 33 %
3. निम्न सिंचित क्षेत्र :-
इसके अंतर्गत 4 जिले आते है ,राजनांदगांव , रायगढ़ , कांकेर , और सूरजपुर
4. अतिनिम्न सिंचित क्षेत्र :- बांकी सभी जिले इसी के अंतर्गत आते है।
सरगुजा जिला में 9 % बलरामपुर और कोरिया जिलो में 8 -8 % कोरबा जिले में 6 %जशपुर में 4 % है सबसे कम सिंचाई नारायणपुर में होता है।
छत्तीसगढ़ की जानने योग्य जानकारी :
1. छत्तीसगढ़ में नदी के किनारे बसे शहर
2. गोदावरी अपवाह तंत्र / Godavari apvah tantr
3. GANGA APWAH TANTR /गंगा अपवाह तंत्र
4 . शिवनाथ एवं सहायक नदी
5. छ.ग. की नदियाँ औरअपवाह तंत्र /cg ki nadiya aur apavah tantr
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छत्तीसगढ़ विशेष
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