छत्तीसगढ़ की राजकीय गीत की घोषणा आज दिनांक 03/11 /2019 को राज्योत्सव के तृतीय दिन मुख्य मंत्री माननीय भूपेस बघेल द्वारा किया गया। साथ ही राज्योत्सव को तीन दिन से 5 दिन करने की भी घोषणा की।
आईये साथियो जानते है की छत्तीसगढ़ की राजकीय गीत के बारे में।
राजकीय गीत सभी शासकीय कार्यक्रमों में गाया जाएगा कार्यक्रम की सुरवात राजकीय गीत के साथ किया जायेगा।
छत्तीसगढ़ अपनी कला संस्कृति के लिए पुरे देश में मशहूर है चाहे वह बस्तर की कष्ट शिल्प हो या बॉस शिल्प छत्तीसगढ़ के लोक गीत जो छत्तीसगढ़ी में गाया जाता है। इन गीतों में छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक सौंदर्यता के वर्णन के साथ संस्कृति का भी वर्णन मिलता है। छत्तीसगढ़ी गीतों में मिटटी की सौंधी -सौंधी खुसबू आती है।
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छत्तीसगढ़ राजकीय गीत के रूप ''अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार" को घोषित किया गया इसकी घोषणा मुख्यमंत्री भूपेस बघेल द्वारा राज्योत्सव के तीसरे दिन सभा को सम्बोधित करते हुए किया।
इस गीत के रचनाकार डॉ नरेंद्र देव वर्मा जी है।
डॉ नरेंद्र देव वर्मा संक्षिप्त जीवनी -
जन्म - ४ नवम्बर 1939 को हुआ।
मृत्यु -8 सितम्बर 1979 को हुआ
उपनाम - कातिब रायपुरी
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रचनाये - छत्तीसगढ़ी भाषा का उदविकास ,अपूर्वा (छत्तीसगढ़ी गीत ), उपन्यास ,सुबह की तलाश
आप छत्तीसगढ़ी लोक नाट्य "सोनहा बिहान" के उद्घोषक थे। ये मानसिंह चंद्राकर द्वारा चलाया जाता था।
आप ने छत्तीसगढ़ी में अपने गीत संग्रह को अपूर्वा नाम से संगृहीत किया। आप छत्तीसगढ़ी भाषा - अस्मिता की पहचान बनाने वाले गंभीर कवि है। आपके पिता जी धनीराम है आप स्वामी आत्मानंद के अनुज (भाई ) है। मुख्य मंत्री भूपेश बघेल डॉ वर्मा के दामाद है।
छत्तीसगढ़ की राजकीय गीत -
अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार।
इंद्रावती ह पखारे तोर पइंया। ..
महू पाएँ परवन तोर ये भुंइया। ..
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइंया।।।
सोहे बिंदिया सहीं घाट डोंगरी पहार ...
चंदा सुरुज बने तोर नैना। ..
सोनहा धान के अंग लुगरा हरियर हे रंग।
तोरे बोली हावय सुग्घर मैना। ....
अंचरा तोरे डोलावय पुरवईया। .......
महू पांव परंव तोरे भुइँया। .
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइंया। ..
रायगढ़ हे सुग्घर तोरे मौरे-मुकुट।
सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहा। .
रायपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबे। .
दुरुग बस्तर सोहैय पैजनियां। ...
नांदगावं नावा करधनियाँ -
महू पांव परंव तोरे भुइँया। .
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइंया। ..
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इस गीत को गया है। लक्ष्मण मस्तुरिहा और ममता चंद्राकर ने।
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